नई दिल्ली: भारत अब चीन को उसके ही खेल में चुनौती दे रहा है। iPhone, स्मार्ट टीवी, माइक्रोवेव, लैपटॉप — जो अब तक चीन के दबदबे वाले प्रोडक्ट थे — उनका उत्पादन अब भारत में बढ़ता जा रहा है।
सरकार की PLI (Production Linked Incentive) योजना ने मैन्युफैक्चरिंग में क्रांतिकारी बदलाव ला दिए हैं। एप्पल, फॉक्सकॉन, सैमसंग जैसी कंपनियाँ अब भारत में प्रोडक्शन यूनिट्स स्थापित कर चुकी हैं।
क्या बदल रहा है?
भारत अब सिर्फ असेंबलिंग नहीं कर रहा, बल्कि कंपोनेंट निर्माण में भी आगे बढ़ रहा है।
iPhone की बड़ी संख्या में यूनिट्स अब चीन की बजाय भारत में बन रही हैं।
स्मार्ट टीवी और होम अप्लायंसेज जैसे नॉन-मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स का भी लोकल प्रोडक्शन तेज़ी से बढ़ रहा है।
क्यों डरे चीन?
अमेरिका और यूरोपीय कंपनियां अब चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहतीं।
भारत कम लागत, बेहतर लॉजिस्टिक और राजनीतिक स्थिरता के कारण नया विकल्प बन चुका है।
नतीजा?
चीन की दादागिरी पर सीधा असर।
भारत के लिए निर्यात और रोज़गार के नए रास्ते।