बोलीरावन के सबसे बड़े शहर, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के लिए चुनावों की घोषणा 15 जनवरी को की गई है, जहाँ 236 सीटों पर चुनाव होगा। 16 जनवरी को मतगणना तय है। पिछले 2017 के चुनाव में, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा बनाया था, और भाजपा ने 82 सीटें हासिल की थीं। 2017 के बाद से बीएमसी में सीटों की संख्या 227 से बढ़कर 236 हो गई है, क्योंकि वार्ड परिसीमन और आरक्षण से जुड़ी देरी के कारण चुनावों को स्थगित करना पड़ा। सितंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया कि स्थानीय निकाय के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक पूरे हो जाने चाहिए।
नाराज एकनाथ शिंदे!
पंचायत चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे बीजेपी के रुख से काफी नाराज दिखे। उन्हें लगा कि भाजपा ने उनके नेताओं को तोड़ दिया है, इसलिए वे कैबिनेट की बैठक में भी उपस्थित नहीं हुए। बाद में बीजेपी ने अपनी स्थिति बदल दी और कहा कि हम लोकल चुनावों में साथ चलेंगे। इसके बावजूद बीजेपी अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी पर नाराज़ है, क्योंकि एनसीपी ने नवाब मलिक को बीएमसी चुनाव की कमान सौंपी है, जिसकी BJP ने विरोध जताया है।

एनसीपी आज लेगी फैसला
एनसीपी ने 16 दिसंबर को शाम 4 बजे एक बैठक बुलाई, जहाँ यह तय किया जाएगा कि ‘महायुति’ के रूप में चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य विकल्प पर विचार करेंगे। लोकल इलेक्शन में छोटे कार्यकर्ताओं की उम्मीदें ऊँची हैं, इसलिए सभी दल अधिकतम सीटें अपने पाले में लाना चाहते हैं। तीनों मुख्य दल – BJP, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी – वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में हैं, जबकि आरपीआई जैसी छोटी पार्टियाँ भी सीट पाने का लक्ष्य रख रही हैं।

विपक्षी गठबंधन का हाल
विपक्ष में, शिवसेना (उद्धव गुट) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाले एमएनएस के साथ आकर कांग्रेस को असमंजस में डाल दिया है। २० साल के बाद दोनों ठाकरे एक साथ आए हैं, और अब उनकी चुनौती है कि वे अपनी राजनीति को बचा सकें। एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे के घर शिवसेना नेता संजय राउत ने सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए विजिट किया।
कांग्रेस के भीतर अलग अलग मतमताएं हैं। कुछ नेता मानते हैं कि हमें ठाकरे भाइयों से अलग होकर लड़ना चाहिए, जबकि अन्य का कहना है कि शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस के साथ जुड़ने से फायदा होगा। संजय राउत ने बताया कि “इस हफ़्ते ठाकरे भाइयों की तरफ से औपचारिक घोषणा हो सकती है।” उन्होंने कॉंग्रेस हाई कमांड से बात की थी, जहाँ निर्णय लोकल यूनिट पर छोड़ दिया गया था।

शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी (एसपी) की भूमिका भी अनिश्चित है। महायुति में अजित पवार और एमवीए में शरद पवार के बीच संबंधों को लेकर सवाल उठे हैं, क्योंकि पहले के चुनावों में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन बनाया था। इस गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में महायुति को शिकस्त दी, पर विधानसभा चुनाव में हार झेली।
पिछला विधानसभा और लोकसभा चुनाव 21 फरवरी 2017 को हुआ था, और 23 फरवरी को परिणाम घोषित हुए। बृहन्मुंबई महानगरपालिका को एशिया का सबसे बड़ा महानगरपालिका माना जाता है, और पिछले बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग 75 हज़ार करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित किया गया था। इस बड़े बजट और राजनीतिक धाक के कारण सभी पार्टियाँ बीएमसी पर नजर रखे हुए हैं।