अमरावती: मराठी बनाम हिंदी बहस में अब अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने खुलकर मोर्चा लिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, राष्ट्रीय एकता की पहचान है।
राणा ने ठाकरे बंधुओं की भाषा नीति को “राजनीतिक ज़हर” बताते हुए कहा, “मराठी मेरी मातृभाषा है, लेकिन हिंदी मेरा अभिमान है।” उन्होंने जोड़ते हुए कहा कि राजनीति को भाषा के नाम पर समाज को बांटने का औज़ार नहीं बनाना चाहिए।
यह बयान तब आया है जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने दुकानों और बोर्डों पर मराठी को अनिवार्य करने का पुराना मुद्दा फिर से गर्म किया है। नवनीत राणा ने इसे खुलकर “भाषाई कट्टरता” कहा।
सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस तेज़ हो गई है। समर्थक इसे राष्ट्रीय भावना का प्रतीक मान रहे हैं, जबकि विरोधी इसे मराठी अस्मिता पर हमला बता रहे हैं।
“हिंदी मेरा अभिमान है”: नवनीत राणा का ठाकरे को दो-टूक जवाब

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