25 सितंबर को सेंसेक्स और निफ्टी में मंदी: ऑटो, IT, बैंकिंग शेयरों ने भारी गिरावट, FMCG‑और‑ऊर्जा‑शेयरों में तेजी
इंडिया के प्रमुख स्टॉक बाज़ार सूचकांकों ने आज तेज़ी से नीचे की ओर रुख किया। सेंसेक्स ने 100+ अंक नीचे गिरकर 81,600 पर कारोबार समाप्त किया, जबकि निफ्टी में केवल 30 अंक का हल्का गिराव हुआ, जो 25,050 पर बंद हुआ। इस बुधवार के व्यापार में 30 मुख्य स्टॉक्स में से 20 नीचे आए, जबकि 10 में ही वृद्धि पाई गई। ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों ने सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की, जबकि खाद्य एवं किराना (FMCG) तथा ऊर्जा परिसंपत्तियों में हल्की लाभ दिखाई दी।
सूचकांकों का संक्षिप्त अवलोकन
सेंसेक्स को प्रत्यक्ष रूप से 112 अंक नीचे गया, जो 81,600 पर एक तनावपूर्ण सत्र का अंत दर्शाता है। निफ्टी को भी लगभग 30 अंक गिरकर 25,050 पर बंद होना पड़ा। उद्योग भार के परिवर्तन के बावजूद, दोनों सूचकांकों के हल्के मूल्य परिवर्तन ने बाजार में सपरिवारिक चिंता पैदा की।
उद्योग क्षेत्र के प्रमुख बदलाव
- ऑटोमोबाइल क्षेत्र: रिटेल सक्सेस व्रुक्तियों के बावजूद, वित्तीय दबावों के कारण ऑटो शेयर्स में 5–7% का गिराव हुआ।
- सूचना प्रौद्योगिकी (IT): ऐसी कंपनियों में बड़े पैमाने पर अवसाद देखा गया, जिनमें तकनीकी सेवाओं के अनुबंधों पर अपेक्षा से अधिक लागत का प्रभाव पड़ा।
- बैंकिंग: बैंकिंग स्टॉक्स में निष्पादन‑व्यापार दांव से सम्बंधित जोखिमों के कारण भारी गिरावट देखी गई।
- खाद्य एवं किराना (FMCG): स्थिर मांग और आपूर्ति श्रृंखला सुधार से प्रेरित होकर 2–3% का संवर्धन हुआ।
- ऊर्जा: कच्चे तेल की कीमतों के हल्के उत्थान ने ऊर्जा सेक्टर को समर्थन दिया, जिससे 1–2% का लाभ हुआ।
ग्लोबल मार्केट और IPO का परिप्रेक्ष्य
दुनिया भर में व्यापार मिलाजुला रहा; अमेरिकी और यूरोपीय सूचकांकों में भी कुछ रीडरनाई सीमाएँ रही। पांच नए मेनबोर्ड IPO ने निवेशकों का ध्यान खींचा, और इन नए इश्यू में निवेश का मौका काफी चर्चायोग्य बना हुआ है। बाज़ार के सक्रिय सहभागियों ने इन IPOs को 25 सितंबर को भी खुलने के लिए देखा।
कल के प्रदर्शन से तुलनात्मक अवलोकन
कल, 24 सितंबर को भी बाजारने मुँह मोड़ लिया। सेंसेक्स ने 386 अंक गिरकर 81,716 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी ने 113 अंक गिरकर 25,057 पर समापन किया। यह डेटा लंबा दिखाता है कि आज का गिराव पिछले दिन की तुलना में कम तीव्र रहा, लेकिन की गई दिशा नीचे की है।
सभी व्यापारी और निवेशकों को सुझाव दिया जाता है कि बाजार के आगामी गतिमान रुझानों और वैश्विक घटनाक्रमों पर विशेष ध्यान दें, खासकर केवित सेक्टर रोटेशन और संभावित नियामक परिवर्तनों के प्रति सतर्क रहें।