ट्रम्प प्रशासन ने ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने का निर्णय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से वह “ब्रांडेड” या पेटेंटेड दवाइयों पर 100% टैरिफ लगा देंगे। यह कदम अमेरिका में दवा उत्पादन बढ़ाने और “मेक‑इन‑अमेरिका” नीति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
टैरिफ केवल उन दवाओं पर लागू होगा जो अभी तक अमेरिका में किसी फ़ैक्ट्री में निर्मित नहीं हो रही हैं। यदि किसी कंपनी ने दवा निर्माण के लिये फ़ैक्ट्री का निर्माण शुरू कर दिया है, तो उस उत्पादन के दवाओं से यह टैरिफ बाहर रहेगा।
भारत पर पहले लगाये गये 50% टैरिफ के प्रभाव
27 अगस्त 2024 से भारत पर 50% टैरिफ लागू है, जिसने कपड़े, ज्वेलरी, फर्नीचर, सी‑फूड आदि उत्पादों के अमेरिकी बाजार में मूल्य बढ़ा दिया है। भारतीय निर्यात पर लगभग ₹5.4 लाख करोड़ का असर पड़ सकता है और इन क्षेत्रों की मांग में 70% तक घटाव का खतरा है।
जेनरिक दवाइयों पर टैरिफ का अपवाद
जेनरिक दवाइयों पर अभी तक टैरिफ नहीं लगाया गया है। यह हिस्सा अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण है क्योंकि जेनरिक दवाइयाँ ब्रांडेड दवाइयों से 80‑90% कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं। सरकार चाहता है कि इस टैरिफ के कारण अमेरिकी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ट्रम्प प्रशासन जेनरिक दवाइयों को भी लक्षित कर सकता है, जो फार्मास्यूटिकल स्टॉक्स पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
अन्य नवीनतम टैरिफ घोषणाएँ
- किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी: 1 अक्टूबर 2025 से 50% टैरिफ लगाया जाएगा।
- अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर: 30% टैरिफ लागू होगा, ताकि अमेरिकी बाज़ार में विदेशी प्रतिस्पर्धा को नियंत्रित किया जा सके।
- बड़े हेलीकॉर्न ट्रक: 25% टैरिफ लगाया जायेगा, जिससे देशीय ट्रक निर्माता जैसे पिटरबिल्ट, कैनवर्थ, फ्रेटलाइनर आदि को प्रतिस्पर्धी दबाव से बचाया जा सके।
व्यापक रणनीतिक उद्देश्य
ट्रम्प प्रशासन का समग्र लक्ष्य अमेरिकी दवा आपूर्ति शृंखला को आत्मनिर्भर बनाना, विदेशी निर्भरता घटाना और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है। टैरिफ के माध्यम से, वे आर्थिक संकट के समय में दवा वितरण को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं।
यह निर्णय अगले कुछ महीनों में अमरीकी व्यापार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला है और वैश्विक दवा बाजार पर भी असर डाल सकता है।