अडानी समूह को मिली सेबी से क्लीनचिट: हेंडेनबर्ग रिसर्च की झूठी रिपोर्ट असत्य सिद्ध
सारांश – १८ सितंबर 2023 को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट‑सेलर हेंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया तथा कंपनी को आधिकारिक तौर पर क्लीनचिट दे दी। २४ जनवरी 2023 को जारी की गई रिपोर्ट में अडानी पोर्ट्स, पावर तथा शेष कंपनियों पर मनी‑लॉन्ड्रिंग और शेयर‑हेरफेर के बहु‑आरोप थे, जिससे समूह के शेयरों का मूल्य १२ बिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गया। अब सेबी की पुष्टि से यह स्पष्ट हो गया है कि इन दावीों का कोई आधार नहीं है।
हेंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट – आरोपों का सारांश
- अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर व अन्य सहायक कंपनियों पर मनी‑लॉन्ड्रिंग का दावा
- शेयर मैनिपुलेशन, अमेरिकी रेगुलेटरी मानदण्डों के उल्लंघन के आरोप
- इनसे समूह के मार्केट वैल्यू में लगभग १२ बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ
सेबी ने क्यों दी क्लीनचिट?
सेबी की विस्तृत जाँच के बाद यह पाया गया कि सभी दस्तावेज़ों और इंटरव्यूज़ में हेंडेनबर्ग के दावे निराधार ठहरते हैं। बोर्ड ने पुष्टि की कि अडानी समूह पूरी तरह से अनुपालक है और कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई। इस निर्णय के साथ, सेबी ने अडानी को आधिकारिक तौर पर “क्लीनचिट” जारी किया, जिससे किसी भी प्रकार के नियामक प्रतिबंध समाप्त हो गए।
गौतम अडानी का टिप्पणी
अडानी के चेयरमैन गौतम अडानी ने इस निर्णय के बाद यू‑ट्यूब पर एक वीडियो प्रकाशित किया:
“लंबी जाँच के बाद, सेबी ने वही निर्णय लिया जो हम हमेशा से कह रहे थे – हेंडेनबर्ग के आरोप बहरूप हैं। पारदर्शिता और ईमानदारी हमारी पहचान रही है। हमें उन निवेशकों के नुकसान का खेद है, जिन्होंने इन फर्जी रिपोर्टों के कारण हानि उठाई। जिन लोगों ने झूठी कहानी फैलायी, उन्हें देश से माफी माँगनी चाहिए। भारत के संस्थानों एवं लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है। सत्यमे जयते! जय हिंद।”
सुप्रीम कोर्ट और छह‑सदस्यीय कमेटी
इस मामले की पूरी जाँच के लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक छह‑सदस्यीय समिति भी गठित की। इसी समिति ने अडानी को पहले ही फ़ैसला करके बरी कर दिया, और यह स्पष्ट किया कि कोई भी अनियमितता का पता नहीं चला।
शेयर मूल्यों पर प्रभाव
24 जनवरी 2023 के बाजार बंद होने पर अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर ₹3,442 पर थे। उसी दिन के समापन में 1.54 % गिराव के बाद कीमत ₹3,388 रही। 27 जनवरी तक शेयर मूल्य 18 % घटकर ₹2,761 पर पहुंच गया। 22 फरवरी तक सभी सहायक कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन लगभग 59 % घटकर ₹1,404 तक पहुंच गई। अब क्लीनचिट के बाद शेयर मूल्यों में सुधार का संकेत मिलता है।
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इस निर्णय के साथ अडानी समूह ने फिर से यह सिद्ध कर दिया कि उनके व्यावसायिक अभ्यास विश्वसनीय और वैध है, तथा किसी भी प्रकार के अवैध गतिविधि का संदेह पूरी तरह से समाप्त हो गया है।