इस हफ्ते निफ्टी पर 3 अक्टूबर को इंट्राडे में जोरदार मोमेंटम दिखने की संभावना है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के डायरेक्टर हर्षुभ शाह का कहना है कि यह उतार-चढ़ाव विशेषकर स्कैल्पर्स के लिए लाभदायक रहेगा। साथ ही, आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक, वैश्विक बाज़ार की चाल और विदेशी निवेशकों की खरीद‑बिक्री भी बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।
सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस ज़ोन
निफ्टी के लिए प्रमुख सपोर्ट स्तर निम्नानुसार हैं: 24,538 / 24,482 / 24,458 / 24,382 / 24,331 / 24,142 / 23,875। यदि कीमत इन स्तरों पर आती है, तो खरीदारों की भागीदारी से नीचे की ओर दबाव कम हो सकता है।
रेजिस्टेंस स्तर निम्नलिखित हैं: 24,805 / 24,856 / 24,980 / 25,035 / 25,145 / 25,322 / 25,434। इन बिंदुओं पर बिक्री का दबाव बढ़ सकता है, और अगर निफ्टी रेजिस्टेंस को पार कर लेता है तो नई तेजी की शुरुआत हो सकती है।
ट्रेडिंग आउटलुक – सोमवार से लेकर पूरे हफ़्ते तक
सपोर्ट-रेजिस्टेंस के आधार पर ट्रेडर्स को निम्न चरणों में कार्रवाई करनी चाहिए:
- 10 अक्टूबर सोमवार: हल्का बेयरिश माहौल (0.5–1%) की संभावना है, परंतु RSI के ओवरसोल्ड होने से सुबह की बाउंस की उम्मीद है। यदि निफ्टी 24,700 से नीचे खुलती है तो वह 24,500–24,600 के दायरे में परीक्षण कर सकता है। 24,800 से ऊपर जाने पर रैली की संभावना बढ़ जाती है।
- पूरे हफ़्ते: बाजार का सामान्य ढाँचा बेयरिश रहेगा, और निफ्टी 24,200–24,000 के स्तरों तक जा सकता है। परंतु 2 अक्टूबर की छुट्टी के कारण ऊपर की गति सीमित रहेगी। यदि अमेरिका के साथ ट्रेड डील से संबंधित सकारात्मक खबर आती है, तो बाजार में तेजी आ सकती है।
पाँच प्रमुख कारक जो बाजार की दिशा तय कर सकते हैं
1. तकनीकी विश्लेषण
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट, रिसर्च अजित मिश्रा के अनुसार, पिछले दो सेशन्स में बड़े स्टॉक्स की लगातार कमजोरी ने इंडेक्स को नीचे धकेल दिया है। निफ्टी 24,400 के आसपास के सपोर्ट पर दबाव में है। HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट नागराज शेट्टी ने बताया कि शुक्रवार को बने लंबे बेयर कैंडल से शॉर्ट टर्म में और गिरावट का संकेत मिलता है। सोमवार से बुधवार तक, निफ्टी 24,400–24,300 के अगले सपोर्ट की ओर फिसलने की संभावना है।
2. RBI की मौद्रिक नीति कमेटी
आरबीआई की ब्याज दरों पर निर्णय लेने वाली तीन दिन की बैठक सोमवार से प्रारम्भ होगी और बुधवार, 1 अक्टूबर को फाइनल रिजल्ट भेजा जाएगा। रेपो रेट को 5.5% पर बनाए रखने का प्रचलित अंदाज़ा है।
3. अमेरिकी बाज़ार की चाल
अमेरिका में होने वाली चालें भारतीय बाज़ार पर भी असर डालती हैं। यदि अमेरिकी इंडेक्स में तेज़ी या मंदी आती है तो निफ्टी पर भी असर पड़ेगा।
4. FII / DII का व्यवहार
इस हफ़्ते FII ने 19,570 करोड़ रुपए की बिकवाली की, जबकि DII ने 16,200 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदारी की। पिछले शुक्रवार को FII ने 5,687 करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए, जबकि DII ने 5,843 करोड़ रुपए की खरीदारी की। वर्ष-दर-वर्ष, FII ने अब तक 1.48 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी बेची है।
5. भारत‑अमेरिका ट्रेड डील
हाल ही में भारतीय अधिकारियों और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों के बीच “रचनात्मक” वार्तालाप हुआ। दोनों पक्ष जल्द ही फायदेमंद व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए। इस विकास पर निवेशकों की तेज नजर रहेगी।
सप्ताह भर की चाल और प्रमुख सूचकांक की स्थिति
पूरे हफ़्ते के दौरान सेंसेक्स 2.66% और निफ्टी 2.65% नीचे गिरा रहा है। शुक्रवार को सेंसेक्स का समापन 80,426 पर 0.90% घटकर हुआ, जबकि निफ्टी का समापन 24,654 पर 0.95% घटकर हुआ। ये गिरावट फार्मा पर नए टैरिफ और विदेशी निवेशकों की सतत बिकवाली के चलते हुई है।
निवेशकों के लिए सलाह
इस सूचना को केवल शैक्षणिक और सूचनात्मक उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। ऊपर दी गई राय और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि किसी भी वित्तीय संस्थान की। निवेश का निर्णय लेने से पहले कृपया प्रमाणित विशेषज्ञ से सलाह लें।