प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर को भारतीय राष्ट्रीय टेलीकॉम प्रदाता BS NL का पहला स्वदेशी 4 G नेटवर्क आधिकारिक रूप से लॉन्च किया। यह नई सेवा अब भारत के 98 हज़ार से अधिक लोकेशन पर उपलब्ध है, जिससे ग्रामीण‑शहरी सभी क्षेत्रों में तेज़ इंटरनेट पहुँच सम्भव हुआ है।
स्वदेशी तकनीक और 5 G की दिशा
BS NL का 4 G स्टैक पूरी तरह भारतीय ढाँचे पर आधारित है। पेशकश के साथ-साथ यह बताया गया कि यह नेटवर्क भविष्य में 5 G में सहज रूप से उन्नत किया जा सकेगा – केवल सॉफ्टवेयर अपडेट द्वारा, बिना बड़े हार्डवेयर परिवर्तन के। इस दृष्टिकोण को टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उजागर किया।
ग्रीन टेलीकॉम: सोलर पावर पर चालू टावर
नया कदम यह भी है कि नए टावरों को सोलर पावर से चलाने की सुविधा दी जा रही है। यह भारत के सबसे बड़े ग्रीन टेलीकॉम नेटवर्क का निर्माण करेगा, जिससे ऊर्जा की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलेगा।
बाजार परिदृश्य: सब्सक्राइबर गिरावट और प्रतिस्पर्धा
टेलिकम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के जुलाई 2025 के आँकड़ों के अनुसार, BS NL तथा MTNL दोनों के सब्सक्राइबर लगातार घट रहे हैं। उनमें से:
- जुलाई में BS NL ने 1.01 लाख ग्राहक खोए।
- MTNL ने भी इसी अवधि में सब्सक्राइबरों में गिरावट दर्ज की।
- पब्लिक सेक्टर टेलीकॉम कंपनियों का कुल मार्केट शेयर 8 % से नीचे पहुँच गया है।
इनकी तुलना में:
- जियो ने जुलाई में 4.83 लाख नए मोबाइल ग्राहक जोड़े।
- एयरटेल ने उसी महीने 4.64 लाख नए उपयोगकर्ता प्राप्त किये।
- वोडाफोन‑आईडिया (Vi) के सब्सक्राइबरों में 3.59 लाख की घटोतरी हुई।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि BS NL को प्रतिस्पर्धी स्थिति फिर से प्राप्त करने के लिए 5 G के साथ-साथ 6 G की तैयारी को तेज़ी से आगे बढ़ाना अनिवार्य है।
आगे की दिशा: 6 G और डिजिटल इंडिया
BS NL ने 2030 तक भारत में 6 G लॉन्च करने का रोडमैप घोषित किया है। जबकि एयरटेल और जियो ने 2022 में 5 G नेटवर्क सेवा शुरू की थी, BS NL अभी 4 G पावर पर स्थिर है। इसलिए, 5 G की तैयारी को प्राथमिकता देकर ही कंपनी को बाजार में फिर से प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकता है।
संक्षेप में, स्वदेशी टेलीकॉम स्टैक और हरित पावर नीति के साथ BS NL भविष्य के लिए तैयार है, परन्तु लगातार घटते सब्सक्राइबर और तेज़ी से बदलती तकनीक में पीछे रहना चिंताजनक है। आगे का मार्ग स्पष्ट है: 5 G और 6 G की ओर तीव्र कदम बढ़ाकर ही डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों की पूर्ति संभव है।