भारत और अमेरिकी सरकार के बीच व्यापार समझौते का टकराव अब लगभग निष्कर्ष पर पहुँच चुका है। कई दौर की बातचीत के पश्चात नयी शर्तें सामने आई हैं, परंतु अंतिम निर्णय अभी भी अमेरिका की मंजूरी पर निर्भर है।
अमेरिका की प्रतिक्रया का इंतज़ार
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अधिकांश प्रमुख मुद्दों पर दोनों पक्षों में सहमति बन चुकी है। अब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से अंतिम पुष्टि का इंतज़ार है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “वाटप लगभग तयशुदा है और आगे किसी अतिरिक्त दौर की आवश्यकता नहीं दिखती।”
ट्रंप की टैरिफ कटौती के संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले घोषणा की थी कि भारत पर 50 % टैरिफ घटाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार समझौते के लिये कदम बढते जा रहे हैं।
पीयूष गोयल का संतुलित ढांचा
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत केवल “न्यायसंगत और संतुलित” समझौता चाहता है। “हम किसी भी समय—चाहे एक महीने, अगले साल—भारत के हित में अच्छा व्यापार सौदा करने के लिए तैयार हैं,” उन्होंने जोड़ा।
कई दौर की चर्चा पूर्ण
अधिकारियों के स्तर पर अब तक पाँच बार बातचीत समाप्त हो चुकी है। इसके अतिरिक्त पीयूष गोयल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी समकक्षों से भी मुलाकात कर विषय पर ठोस प्रगति की है।
समझौते का भारत के लिए महत्व
यह व्यापार समझौता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। भारत-यूएस के बीच व्यापार बढ़ने से भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में नई संभावनाएँ मिलेंगी और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति और सशक्त होगी।