असदुद्दीन ओवैसी ने गॉपालगंज से कैंपेन की शुरुआत, AIIM की नीतियों पर टिका रोष
बिहार विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में AIIM (अहमदाबाद इमैन्यूजनिक इस्लामिक मुक्ति मोर्चा) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 28 अक्टूबर 2025 को गॉपालगंज जिले से चुनावी प्रचार की शुरुआत की। रैली के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनतंत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों पर मुस्लिम समुदाय की नज़रअंदाजी के आरोप लगाते हुए भाषण दिया।
मुस्लिम समुदाय और मुख्यमंत्री के सवाल पर असदुद्दीन की गहरी निशानी
ओवैसी ने गॉपालगंज के एक ग्रामीण क्षेत्र में जमीनी स्तर पर जनसभा बुलाते हुए सवाल उठाया कि बिहार में 17 प्रतिशत कुल आबादी वाले मुस्लिम वांशिक समूह का एक मुख्यमंत्री कहाँ तक हो सकता है। उन्होंने इस कथन के साथ ये भी कहा कि तिरछी राजनीति के बीच, तीन प्रतिशत आबादी के VIP (विकासशील इंसान पार्टी) के नेता मूकesh सहनी को उपमुख्यमंत्री पद दे कर धक्का देने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
महागठबंधन पर तंज: उपमुख्यमंत्री के दावेदार का व्यंग्य
AIIM के नेता ने महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री दावेदार पर तीखी आलोचना की, यह कहते हुए कि जबकि मुस्लिम मुस्लिम वांशिक भाउअधिकार का प्रतिनिधित्व 17 प्रतिशत पर है, फिर भी राज्य में उपमुख्यमंत्री पद एक नुकसानग्रस्त पक्ष को दिया गया है। उन्होंने इस झुकाव को “उत्कृष्ट नीति प्रशंसा” के रूप में उल्लेख किया।
बाजार में भाजपा की भूमिका पर असदुद्दीन के विचार
असदुद्दीन ने कांग्रेस, आरजेडी और समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा मुस्लिम मतदाताओं पर की गई रणनीतियों पर भी चर्चा की। उनका मानना है कि इन दलों ने पहली बार भाजपा के डर को उजागर किया और बाद में अपने वोटों की माँग की। उन्होंने यह भी इंगित किया कि भाजपा ने अभी तक इन दलों को मात नहीं दी है, लेकिन निर्वाचन के दौरान इस तरह के संदेशों के साथ जारी रखती है।
सामुदायिक मुद्दों पर चुनावी मंच पर AIIM का दृष्टिकोण
- मुस्लिम वांशिक राजनैतिक प्रतिनिधित्व – वे चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय का चुनावी प्रतिनिधित्व बढ़े।
- उम्मीदवार चयन में पारदर्शिता – भाजपा और विपक्ष के चुनावी उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया पर आलोचना।
- सर्वसमावेशक विकास – उनके अनुसार, विकास योजनाओं में अल्पसंख्यक समुदायों की जरूरतों को शामिल किया जाना चाहिए।
इस प्रकार असदुद्दीन ओवैसी के अभियान मार्च में एक सक्रिय दबाव और समाजिक मुद्दों पर केंद्रित भाषण प्रमुख था, जिसका ध्यान मुख्यतः बिहार के मुस्लिम मतदाताओं और विस्तृत निर्वाचन समाज पर केन्द्रित था।