हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने अपने लोकप्रिय उत्पादों जैसे डव शैम्पू, किसान जैम, हॉर्लिक्स, लक्स साबुन और लाइफबॉय साबुन के दामों में कटौती की घोषणा की है। 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाली यह कीमत घटाने की व्यवस्था उपभोक्ताओं को अधिक सस्ते उत्पाद उपलब्ध कराएगी, जिससे कुछ मामलों में कीमतों में 15 % तक की कमी हो सकती है। इस कदम के पीछे हाल ही में आई GST नीति में बदलाव और सरकार द्वारा लॉजिस्टिक एवं उत्पादन लागतों को कम करने के निर्देश प्रमुख कारण हैं।
GST काउंसिल के निर्णय का प्रभाव
3 सितंबर 2025 को GST काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स स्लैबों को सरल बनाने का निर्णय लिया गया। 12 % का स्लैब हटाकर केवल 5 % और 18 % के दो स्लैब बच गए। इस संशोधन से कई फूड आइटम्स – जैसे UHT दूध, पनीर और विभिन्न जैम – या तो टैक्स से पूरी तरह मुक्त हो गए या 5 % के न्यूनतम टैक्स स्लैब में जोड़ दिए गए। साथ ही साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट पर भी 18 % से घटाकर 5 % GST लगाया गया है। सरकार ने स्पष्ट रूप से यह बात कही है कि टैक्स में होने वाली बचत का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचेगा।
पुराने स्टॉक पर लेखन की नई लचीलापन
नई GST दरों के लागू होने से पहले ही, सरकार ने कंपनियों को अपने बचे हुए अनसोल्ड माल की अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) को बदलने की अनुमति दी है। निर्माता, पैकर और आयातक अपने पुराने स्टॉक पर नई कीमतें स्टिकर, स्टैम्प या ऑनलाइन प्रिंटिंग से लगा सकते हैं। कंज्यूमर अफेयर्स विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह अनुमति 31 दिसंबर 2025 तक या जब तक स्टॉक समाप्त न हो जाए, मान्य रहेगी। नई कीमतें स्पष्ट रूप से उत्पाद पर दिखानी अनिवार्य हैं।
उच्च-टैक्स स्लैब में बदलाव
लग्जरी आइटम्स और तंबाकू उत्पादों पर GST दर 28 % से बढ़ाकर 40 % कर दी गई है। इसके अलावा 350 cc से अधिक के इंजन वाली मोटरसाइकिलें और मध्यम तथा बड़ी कारें भी इस उच्च स्लैब में शामिल हो जाएँगी, जिससे उनके मूल्य पर असर पड़ सकता है।
इन व्यापक नीति परिवर्तनों के मद्देनज़र, HUL तथा अन्य प्रमुख उपभोक्ता वस्तु कंपनियां अपनी मूल्य संरचना को पुनर्समीक्षा कर रही हैं, ताकि टैक्स कटौती के लाभ को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सके और बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखी जा सके।