मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान को घोषित किया ‘दुनिया का सबसे बड़ा’
रविवार, 2 अक्टूबर 2025 को आईआईटी‑कानपुर के स्थापना दिवस पर हुए एक कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बिहार की मतदाता सूची को पुनः समीक्षा करने के अभियान को “दुनिया का सबसे बड़ा” घोषित किया और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर बताया।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि जब यह प्रक्रिया 12 राज्यों के 51 करोड़ मतदाताओं तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी, तो यह आयोग और देश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि सिद्ध होगी। “लोगों को न केवल निर्वाचन आयोग पर बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक ताकत पर भी गर्व होगा,” उन्होंने जोड़ते हुए माना कि “यह भारत के लोकतंत्र में एक नया अध्याय आरम्भ करेगा।”
साथ ही उन्हें इस अवसर पर IIT‑कानपुर से “डिस्टिंग्विश्ड एलुमिनस अवार्ड” से नवाजा गया। ज्ञानेश ने उस सम्मान के साथ आयी यादों को साझा किया, कहे कि “चार साल की IIT‑कानपुर की शिक्षा मेरे लिए ‘जीवंत और अविस्मरणीय’ थी।”
सफलता की यात्रा
उनके भाषण के प्रमुख अंश:
- कक्षा से अध्ययन, गंगा में तैरने के अनुभव से लेकर विश्वविद्यालय की शिक्षा तक, उन्होंने बताया कि कैसे उसके अनुभव ने उसे आज के पथ पर अग्रसर किया।
- उन्होंने “नोट और वोट दोनों ही IIT‑टियंस के हाथों में हैं” कहकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और CEC के रूप में अपनी भूमिकाओं का उल्लेख किया।
- हस्ताक्षरित दांट के साथ उन्होंने कहा, “इन मूल्यों ने मेरे पूरे प्रशासनिक कैरियर को आकार दिया है।”
- बिहार विधानसभा चुनावों को “पारदर्शिता, दक्षता और सरलता” के नवपथ पर चलने का आश्वासन दिया।
कृष्ण वेश्वर के “एक लड़के ने गंगा में तैरना सीख लिया, उसने कभी नहीं सोचा था कि वह भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनेगा” का प्रतिपादन करते हुए उन्होंने अपनी शुरुआत से उच्चतम पद तक पहुँचने की कहानी को रोचक रूप में प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम के दौरान सरकार ने मतदाता सूची प्रबंधन में विश्व स्तर का मानक स्थापित करने की घोषणा की, जबकि ज्ञानेश कुमार ने अपनी अगुवाई और IIT‑कानपुर के अनुभवों से प्रेरित “लोकतंत्र को समरूप, सुलभ और पारदर्शी बनाना” के लिए आगे आने वाले कार्ययों के प्रति आशावाद व्यक्त किया।