रतन टाटा की मृत्यु के बाद से 10 अक्टूबर 2024 को निमंत्रण के प्रथम वर्षगांठ के पूर्व – टाटा समूह ने नेतृत्व, रणनीति, और उत्पाद दिशा में कई नवीन पहलें कर रहीं हैं। नीचे पाँच प्रमुख परिवर्तनों और नवीन विवादों को संक्षेप में दर्शाया गया है।
1. नोएल टाटा का ट्रस्ट एवं संस में द्वैध बोर्ड स्थान
- प्रथम बिंदु: अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के निधन के पश्चात् असाधारण चुनाव के परिणामस्वरूप नोएल रतन टाटा ने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन का पद संभाला। यह ट्रस्ट समूह के 65 % शेयरों पर अधिकार रखता है, इसलिए इसकी भूमिका अत्यन्त अहम है।
- अगला कदम: नवंबर 2024 में इस सौतेले भईया को टाटा संस के निदेशक मंडल में भी शामिल किया गया – 2011 के बाद यह पहली बार हुआ है जब टाटा परिवार का एक सदस्य दोनों बोर्डों में बैठता है।
- बदलाव का संकेत: नोएल की नियुक्ति ट्रस्ट एवं संस दोनों में उनके नामित सदस्यों के रूप में हुई, जिससे समूह की भविष्य की रणनीति निर्धारण में उनकी भूमिका दो गुनी हो गई।
2. ट्रस्ट के भीतर रिपोर्ट की गई आंतरिक झड़प
नोएल को चेयरमैन बनाने के निर्णय पर मिले प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि ट्रस्ट के अंदर एकमत नहीं बैठा था। निकटतम पुराने शक्ति केन्द्रों का एक गठबंधन, जिसे मेहली मिस्त्री आदि के नामों ने चिन्हित किया गया, ने नोएल तथा टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के निर्णयों पर सिनेह किया।
- टाटा सन्स के बोर्ड पर असर: कुछ नामित निदेशकों के इस्तीफ़े के बाद सीटें खाली हो गईं – अपरीक्षित नियुक्तियों के लिए नोएल के गुट और मिस्त्री के गुट के बीच मतभेद खुला।
- संकट से उभरती कहानी: उदय कोटक जैसे संभावित उम्मीदवारों को भी लगातार अस्वीकार किया गया, जिससे ट्रस्ट की आंतरिक समस्याओं की गहराई उजागर हुई।
3. शांतनु नायडू की उप-उत्कृष्ट ज़िम्मेदारी तथा युवा प्रबंधन
- रतन टाटा की वसीयत में शांतनु नायडू को दी गई हिस्सेदारी, जो उनकी साहचर्य वरिष्ठ सहयोगी और मित्र थे, ने उन्हें आगे के कार्यों में नया मुकाम दिलाया।
- पहला कदम: रतन टाटा की स्वीकृति से शांतनु ने टाटा ग्रुप का सबसे किफ़ायती प्रबंधक बना दिया गया और उन्हें टाटा मोटर में जेनरल मैनेजर तथा स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के प्रमुख रूप में प्रोत्साहित किया गया।
- सह-नवाचार: वे अपनी स्वयं की स्टार्ट‑अप ‘गुडफेलोज’ — वरिष्ठ नागरिकों के लिए साथी सेवा, को भी आगे बढ़ा रहे हैं।
4. नया पीढ़ी का समावेश एवं कौशल संवर्धन
रतन टाटा के परमार्थ तकनीकी उपलब्धियों को आगे बढ़ाते हुए, नोएल की बेटियाँ एवं भाई – माया टाटा (36), लिआह टाटा (39), नेविल टाटा (32) – को जनवरी 2025 में सर्टीस्ड रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्ट्रिट्यूट (SRTII) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ में शामिल किया गया। SRTII, महिलाओं को सिलाई एवं पाक कला जैसे तकनीकी कौशल सिखाने वाली संस्था, को इस कदम से पुनरुद्धार मिला।
5. ट्रस्ट और समूह की संगठनात्मक संरचना में चार प्रमुख संशोधन
- बढ़ी हुई सक्रिय पंजीकरण: ट्रस्ट के भीतर चार नयी रणनीतिक पदस्थापनाएँ घोषित की गईं, जिनमें से प्रत्येक टाटा समूह की आगामी योजनाओं में क्रियाशील रहेगी।
- अद्वितीय मिश्रण: कॉर्पोरेट गवर्नेंस एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन को मजबूत करने के प्रयासों को मुख्यता दी गयी।
- पारदर्शी बदलाव: समूह की नयी पहल यह दर्शाती है कि वे पारदर्शिता को संभालते हुए नवाचारों पर ध्यान दे रहे हैं।
रतन टाटा की पहली डेथ एनिवर्सरी के संगटित इन परिवर्तनों से स्पष्ट है कि टाटा समूह अपनी विविध सफलता की परंपरा को नई दिशा देते हुए भी, स्थायी विकास, पारदर्शिता और युवा नेतृत्व की प्रगति के प्रति प्रतिबद्ध बना हुआ है।